maharana pratap story

हल्दीघाटी का युद्ध 1

5000 चुने हुए सैनिकों को लेकर मानसिंह व शक्तिसिंह शहजादे सलीम के साथ 3 अप्रैल, 1576 ई. को मंडलगढ़ जा…

हल्दीघाटी का युद्ध-2

शहजादे सलीम मुग़ल सेना की एक टुकड़ी आगे बढ़कर महाराणा प्रताप में आक्रमण करने का निर्देश दे दिया, मानसिंह ने…

शक्तिसिंह का हृदय परिवर्तन

शक्तिसिंह ने महाराणा प्रताप को घायल शारीर को लादे हुए चेतक को भागते देख लिया था. उसने ये भी देखा…

युद्ध की समीक्षा और अकबर द्वारा मेवाड़ को पूरी तरह से कब्जे में लेना

अपने भाई मेवाड़ के महाराणा प्रताप सिंह को अपना घोड़ा देने के बाद शक्तिसिंह नदी तैर कर नदी पार की…

महाराणा प्रताप का संघर्षपूर्ण जीवन

अकबर लगभग पुरे मेवाड़ पर अपना अधिपत्य जमा चूका था. और राणा प्रताप के पास बहुत बड़ी चुनौती थी. पर…

पृथ्वीराज द्वारा महाराणा को प्रोत्साहित करना

अपने बच्चों को भूखा देखकर अब राणा प्रताप का धैर्य टूट गया था. उन्होंने सोचा की वो तो भूखा रह…

भामाशाह का योगदान और महाराणा का विजय अभियान

भामाशाह चितौड़ के बड़े धनपति थे. उनके पास अपार धन सम्पदा थी, मुगलों के आक्रमण के बाद उन्होंने चितौडगढ़ का…

अकबर द्वारा युद्ध विराम की घोषणा

अब प्रताप ने उदयपुर से 57 मील की दुरी पर स्थित चावंड में अपनी राजधानी स्थापित कर ली.1583 के बाद…