prithviraj chauhan ki kahanai hindi mein

दिल्ली में आक्रमण

पृथ्वीराज के शाषणकाल में दिल्ली सुख और समृद्धि से फल फूल रही थी। मुहम्मद गौरी बार बार पृथ्वीराज पर आक्रमण…

संयोगिता प्रेम प्रसंग

  जिस समय ये समाचार जयचंद को मिला जयचंद क्रोध से पागल हो उठा। उसने तुरंत ही अपने मंत्री को…

राजसूय यज्ञ

अब हमलोग कन्नोज की ओर झुकते है। जब जयचंद की उम्र सोलह वर्ष की थी तब उसके यहाँ चंद्रमा के…

महोवा का युद्ध

इतिहास में महोवा का युद्ध होने का सही सही कारण नहीं मिलता है पर रासो में लिखा है की चौहान…

कैमाश वध

पृथ्वीराज के पुत्र रेणुसिंह और चामुंडराय के बीच बड़ी घनिष्टता की मित्रता थी. दोनों मामा भतीजे एक दुसरे को अत्यंत…

थानेश्वर का युद्ध

घर का भेदिया सदा से ही बुरा होता है, धर्मायण के बारे में आप पहले से ही जान चुके है…

संयोगिता हरण

महोवा का युद्ध समाप्त हो चूका था, महोवा तथा कलिकंजर पर पृथ्वीराज का अधिकार हो गया था, उन्होंने केवल महोवा…

अध्यपतन

जब पृथ्वीराज संयोगिता को भगा कर दिल्ली ले आये तब वे एकदम से संयोगितामय हो गए,वे उनके प्रेम में बिलकुल…

उपसंहार

भारत के भाग्य में शुरू से ही फूट रही है, इस फूट के कारण कितने ही घर बर्बाद हो गए…

शेर सिंह राणा

ओ मेरे हिंद पर नाज करने वाले हिंदुस्तानियों और चंद वरदायी के नाम लेकर गला चिल्ला चिल्ला कर ओज गीत…