Bappa rawal · June 22, 2021 11

राजपूत राजा बप्पा रावल का इतिहास (Bappa Rawal History in Hindi)

The history of Bappa Rawal

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका Jaihindutva.com के इस नए आर्टिकल में, जिसमे हम आपको अरब के हमलावरों को धूल चटाने वाले राजपूत राजा बप्पा रावल का इतिहास बताने वाले है.

सिंध क्षेत्र में स्थापित अरबों का शासन तहस-नहस करने के साथ, वहां खुद का कार्यकाल स्थापित करने वाले वीर राजपूत का नाम था बप्पा रावल| गहलोत राजवंश के आठवे शासक बप्पा रावल के बचपन का नाम ‘कालभोज’ था| उनका जन्म सन 713 ईस्वी में हुआ था और लगभग 97 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हो गया था| उन्होंने शासन बनाने के बाद अपने वंश का नाम नाम ग्रहण करने के बजाय मेवाड़ राजवंश के नाम से अपना नया वंश चलाकर चित्तौड़ को अपनी राजधानी बनाया| तो आइये पढ़ते है राजपूत राजा बप्पा रावल से जुडी यह विशेष कहानी|

राजपूत राजा बप्पा रावल का इतिहास (Bappa Rawal History in Hindi)

इस्लाम की स्थापना के तत्काल बाद ही अरबी मुसलमानों ने फारस को जीतने के बाद भारत पर आक्रमण करना प्रारंभ कर दिया और कई वर्षों तक पराजित होते रहे| लेकिन राजा दाहिर के कार्यकाल में सिंध को वो जीतने में सफल हो गए और उनकी आंधी आगे बढ़कर भारत को मिटाना चाहती थी| परन्तु, बप्पा रावल एक दृढ दीवार की तरह उनके रास्ते में खड़े थे| अब अरब के मुसलमानों को एक महाबली, महाशक्ति से मुकाबला करना था| रावल ने मुसलमानों को कई बार बुरी तरह से मात दी और उनको सिंध के पश्चिमी तट पर ही रहने के लिए मजबूर कर दिया जो आज बलूचिस्तान के नाम से जाना जाता है.

Bappa Rawal

इतना ही नहीं, बल्कि बप्पा रावल ने आगे बढ़कर गजनी पर भी आक्रमण किया और वहां के शासक सलीम को बुरी तरह से हराया। उन्होंने गजनी में अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया और वापस चित्तौड़ में आ गए| चित्तौड़ के आसपास के राज्य को जीतकर उन्होंने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया| उन्होंने अपने साम्राज्य में गांधार, खुरासान, तूरान और ईरान के हिस्सों को भी शामिल कर लिया था। हालांकि इन क्षेत्रों पर अधिकार अधिक समय तक नहीं रहा कारण यह क्षेत्र काफी दूर थे| बप्पा रावल एक न्यायप्रिय शासक थे| वे अपने राज्य को अपना न्याय मानकर भगवान शिव के रूप एकलिंग को ही अपना असली शासक मानते थे और स्वयं उनके प्रतिनिधि में शासन चलाते थे|

लगभग 20 वर्षों तक कार्यकाल संभालने के बाद अपने पुत्र को राज्य सौंपकर वह शिवजी की उपासना में लग गए | राणा सांगा, राणा कुंभा और महाराणा प्रताप जैसे वीर शासक उनके ही वंश में उत्पन्न हुए थे| बप्पा रावल ने अरब के हमलावरों को ऐसी हार दी की अगले 400 वर्षों तक कोई भी मुस्लिम शासक भारत पर आंख उठाकर भी नहीं देख पाया|

तो दोस्तों, उम्मीद है कि राजपूत राजा बप्पा रावल का इतिहास (Bappa Rawal History in Hindi) यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा| ऐसे ही ऐतिहासिक आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Jaihindutva.com को फॉलो करें.

Comments